सोमवार, 25 दिसंबर 2017

मनुस्मृति दहन दिवस पर अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ द्वारा आयोजित की गई  विचार गोष्ठी

           दिनाँक 25 दिसम्बर, 2017 को अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ के तत्वावधान में सिविल लाइन, मुरादाबाद स्थित डॉ० भीमराव अम्बेडकर पार्क में मनुस्मृति दहन दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ बाबा साहेब डाॅ० भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दौलत सिंह जी ने की तथा संचालन संघ के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री जितेन्द्र कुमार जौली ने किया।



        हरपाल सिंह बौद्ध जी ने बताया कि 25 दिसम्बर, 1927 को महाराष्ट्र राज्य के महाड़ नामक स्थान पर बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा समाज को विभाजित करने वाले, शूद्रों और महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने वाले, हिन्दू धर्म का पतन करने वाले मनुस्मृति नामक ग्रंथ का दहन करवाया गया था, जिससे मानव-मानव एक समान हो। यह दिवस सामाजिक दासता उन्मूलन दिवस के रुप में मनाया जाता रहा है।



        संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दौलत सिंह जी ने बताया कि बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी उस समय विश्व के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे और एक प्रबुद्ध पुस्तक प्रेमी भी थे। उनके निजी पुस्तकालय में पचास हजार  से अधिक पुस्तकें थीं। आखिर एक पुस्तक प्रेमी को एक पुस्तक का दहन क्यों करना पड़ा? यह एक सोचनीय विषय है।

        विचार गोष्ठी को परमाल सिंह, नेम सिंह, गेंदा सिंह, जय श्री गौतम, सुषमा कश्यप, महावीर प्रसाद मोर्य आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुकेश कुमार गौतम ओ०पी० सागर, मुन्नालाल एडवोकेट, अक्षय गौरव, जैनपाल सागर, डॉ० मनोज कुमार, तारा सिंह, चंदन सिंह रैदास, सचिन गौतम, रवि, शिवदत्त भारती, कैलाश गौतम, चन्द्र लाल गौतम, राजकमल, रघुवीर सिंह एडवोकेट सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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